गृह शांति मंत्र | Griha Shanti Mantra Lyrics in Hindi

इस धरती पर रहने वाले प्रत्येक मनुष्य के पास अपना घर होता है जिसमें वह रहता है। हमारे हिन्दू संस्कृति हिन्दू सभ्यता में घर को मंदिर के समान माना जाता है यानी घर को मंदिर के समान पवित्र जगह माना जाता है। घर एक ऐसा जगह होता है जहाँ सभी पारिवारिक सदस्य एक साथ रहते है। घर में पारिवारिक सुख शांति धरती पर स्वर्ग के समान होता है। अपने घर में शांति के लिए गृह शांति मंत्र (Griha Shanti Mantra Lyrics in Hindi) का जाप करना होता है।

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गृह शांति मंत्र | Griha Shanti Mantra Lyrics in Hindi

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं
पूर्णात्पुर्णमुदच्यते पूर्णस्य
पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः

गृह शांति मंत्र का अर्थ: हे ब्रह्मांड आप असीम और अनंत है। इस ब्रह्माण्ड में असीम से अनंत की शुरुआत होती है। यह ब्रह्मांड अथाह अनंत के साथ अकेला असीम रहता है। हे ब्रह्माण्ड आप शांति की स्थापना करें।

गृह शांति मंत्र का जाप सुबह के समय सूर्योदय के तुरंत बाद करना होता है। इस मंत्र का जाप शारीरिक रूप से शुद्ध हो जाने के बाद करना होता है। गृह शांति मंत्र को शुरू करने से पहले खुद को शारीरिक-मानसिक रूप से स्थिर करना होता है। इस मंत्र के जाप के दौरान मन में बुरे विचार न आने दें। इस मंत्र का जाप करते समय पद्मासन की मुद्रा में बैठना होता है।

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गृह शांति मंत्र का जाप पूर्व दिशा में मुँह करके करना होता है। इस मंत्र का जाप सिर्फ सोमवार के दिन करना होता है। गृह शांति मंत्र का जाप लगातार सात बार करना अनिवार्य है। इस मंत्र के प्रभाव से मन और शरीर दोनों को आराम मिलता है। गृह शांति मंत्र के प्रभाव से परिवार में शांति आती है। इस मंत्र के कारण मानव का आर्थिक विकास भी होता है। यह मंत्र शारीरिक संतुलन बनाने में भी मदद करता है।

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