हनुमान मंत्र | Hanuman mantra lyrics in Hindi
मनुष्य को पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए कुछ आवश्यक गुणों की आवश्यकता होती है जो बाकी के सभी जीवों से भिन्न होती है। ये गुण है – बल, बुद्धि और कौशल। इन तीन गुणों का एक साथ रहने पर ही मनुष्य अपने आप में पूर्ण माना जाता है। इस गुण की प्राप्ति के लिए राम भक्त भगवान हनुमान के मंत्र का जाप प्रतिदिन करें।
हनुमान मंत्र
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् |
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ||
हनुमान मंत्र का अर्थ:
हे प्रभु आप असीमित सकती वाले है। आपका शरीर पर्वत के समान बलिष्ठ है। आप सबसे ज्ञानी है। आप में सर्व ज्ञान विद्यमान है। आप दशरथ पुत्र प्रभु श्री राम चंद्र का प्रिय भक्त है। आपको बहुत बहुत प्रणाम।
इस मंत्र का जाप प्रतिदिन स्नान करने के बाद सूर्योदय के समय करना चाहिए। इस मंत्र का जाप सामान्यतः भगवान हनुमान के प्रतिमा के सामने करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करते समय हाथों में कोई लाल रंग का फूल रखना चाहिए। इस मंत्र का जाप 3 बार करना चाहिए।
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इस मंत्र का जाप करने से मनुष्य अपने दुःख, कष्ट, भय, बाधा, चिंता से मुक्त हो जाते हैं। इस मंत्र का जाप करने से सब मुश्किल काम भी बन जाते हैं। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य में बल, बुद्धि, कौशल, साहस और वीरता का विकास होता है।