इस धरती पर निवास करने वाले प्रत्येक मनुष्य के पास असीमित मनोकामना होती है। हरेक मनुष्य चाहता है कि उसकी सारी मनोकामना पूर्ण हो, परन्तु हरेक मनोकामना की पूर्ति करना किसी के वश की बात नहीं। यदि कोई मनुष्य अपनी अधिक से अधिक मनोकामना की पूर्ति करना चाहता है तो उसे कड़ी मेहनत करना होगा और साथ में कर्पूर गौरम करुणावतारम मंत्र (Karpurgauram Karunavtaram Mantra in Hindi) का जाप करना होगा।
कर्पूर गौरम करुणावतारम मंत्र | Karpurgauram Karunavtaram Mantra in Hindi
कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानीसहितं नमामि।।
कर्पूर गौरम करुणावतारम मंत्र का अर्थ: हे शिव आप कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले हो, आप करुणा के अवतार हो, आप संसार के सार हो, आप सर्प का हार धारण करने वाले हो। हे शिव शंकर आप माता भवानी के साथ मेरे हृदय में सदा निवास करें। हे शिव आपको हमारा प्रणाम है।
कर्पूर गौरम करुणावतारम मंत्र का जाप प्रातः काल में सूर्योदय के बाद करना होता है। इस मंत्र का जाप शिव के प्रतिमा के सामने करना होता है। इस मंत्र का जाप शिव मंदिर में जाकर करना ज्यादा अच्छा होता है। इस मंत्र का जाप करने से पहले शारीरिक रूप से शुद्ध हो जाना होता है। इस मंत्र का जाप करते समय शिव को धतूरा का फूल अर्पण करना होता है और कपूर जलाना होता है। इस मंत्र का जाप लगातार पांच बार करना होता है।
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इस मंत्र का नित्य जाप करने से मनुष्य के जीवन से संकट समाप्त हो जाते हैं। यह मंत्र मनुष्य को जीवन की हर चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए तैयार करता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के एकाग्रता में सुधार आता है। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य की सारी मनोकामना पूर्ण होती है।