हिन्दू धर्म में माँ कात्यायनी की पूजा और उपासना बेहद ही फलदायी मानी जाती है। माँ कात्यायनी को देवी दुर्गा का ही स्वरूप माना जाता है और उन्हें महामाया के रूप में भी जाना जाता है। कात्यायनी माता का पूजन नवरात्रि के दूसरे दिन, जिसे “सौभाग्या तीज” भी कहते हैं, को किया जाता है। इस दिन कात्यायनी माता की पूजा और उपासना की जाती है ताकि सौभाग्य और खुशियाँ प्राप्त हों। ऐसी मान्यता है की विवाह की इच्छाओं को पूरा करने के लिए भी कात्यायनी माता की पूजा बेहद लाभकारी सिद्ध होती है।
विवाह के लिए देवी कात्यायनी मंत्र हिंदी में । Katyayani devi mantra for marriage in Hindi
कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरी ।
नन्दगोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ।।
विवाह के लिए देवी कात्यायनी मंत्र का विवरण :
माँ कात्यायनी का यह मंत्र उनकी कृपा प्राप्त करने और अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए जपा जाता है। कहते हैं की इस मंत्र के जाप से माता बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं और माता के आशीर्वाद से जीवन में सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति में मदद मिलती है। इस मंत्र के जाप हेतु सबसे पहले, एक शुद्ध और शांतिपूर्ण स्थान पर बैठें। उसके बाद देवी कात्यायनी की मूर्ति, चित्र या उनकी प्रतिमा को अपने समक्ष स्थापित करें।
प्रतिमा की स्थापना के पाश्चात्य मन में देवी कात्यायनी की उपासना करने का संकल्प लें और फिर उनके इस मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना शुभ माना जाता है, आप चाहें तो किसी माला का भी प्रयोग कर सकते हैं। जाप के बाद, देवी कात्यायनी की आराधना करें, अपनी इच्छाएं और प्रार्थनाएं उनको बताएं।
ऐसा कहा जाता है की कात्यायनी मंत्र का जाप करने से विवाह की इच्छाएं पूरी होती हैं और देवी कात्यायनी की कृपा से अच्छे जीवनसाथी की खोज में सहायता प्राप्त होती है। साथ ही इस मंत्र के प्रभाव से विवाह की प्रक्रिया में सुख-शांति बनी रहती है। माँ कात्यायनी की उपासना से मानसिक शांति और सांत्वना भी मिलती है।