केतु मंत्र । Ketu Mantra in Hindi

वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है की, केतु की छाया से हमारे सांसारिक जीवन पर इसके हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। हालाँकि ऐसी भी मान्यता है की यह हमारे जीवन में एक आध्यात्मिक प्रभाव भी लाता है जिसकी बदौलत हम खुद को ईश्वर और ज्ञान के मार्ग की और खुद को अग्रसर कर सकते हैं।

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केतु मंत्र । Ketu Mantra in Hindi

ॐ अस्य श्री केतु मंत्रस्य , शुक्र ऋषि:, पंक्तिचंद :, केतु देवता , केन बीजं , छाया शक्ति:, श्री केतु प्रीत्यर्थे जपे विनियोग:

केतु मंत्र का विवरण :
वास्तु शास्त्र के मानें तो जिनके ऊपर केतु दोष का प्रकोप होता है वो बुरी आदतों से ग्रस्त होते हैं, उनके जीवन में हानि ही हानि होती है चाहे वह धन की हानि हो या मान हानि, उन्हें शारीरिक रूप से भी कष्टों को झेलना पड़ता है। इन सभी प्रभाव से बचने का एक सीधा और सरल सा उपाय है केतु मंत्र का जाप करना। केतु मंत्र की इस साधना से आपके जीवन के ये सभी दुःख के क्षण सुख में बदल जाएंगे।

आप इस केतु मात्रा की साधना को मंगलवार के दिन से शुरू कर सकते हैं, ऐसा कहा जाता है की इस दिन से शुरुआत करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं। कोशिश करें की इस मंत्र का जाप सुबह लगभग चार बजे उठकर करें। सुबह उठने से हमारा शरीर भी स्वस्थ रहता है और इस मंत्र का प्रभाव भी हमारे लिए लाभकारी सिद्ध होता है। इस मंत्र का जाप करने से पूर्व लाल या भुव रंग का वस्त्र ग्रहण करें और दक्षिण दिशा की ओर अपना मुख करके ही यह साधना करें।

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साथ ही इस साधना के लिए एक थाली में सिंदूर रख कर उसमें थोड़ा सा लाल मसूर की दाल भी रखें और फिर एक घी का दीपक जला कर इस मंत्र का जाप करें। इस विधि को नियम पूर्वक पालन करते हुए की गयी इस पूजा से आपके भाग्य में केतु के सारे दोष दूर हो जायेंगे और आपके जीवन की साड़ी मनोकामनाएं सिद्ध होंगीं।

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