अगर कोई मनवांछित फल की प्राप्ति करना चाहता है तो उसे करना होगा ये आध्यात्मिक काम

माँ दुर्गा मंत्र | Maa Durga Mantra lyrics in Hindi

हरेक मनुष्य की अपनी अलग-अलग इच्छाएँ होती है। ये उसकी उम्र के हिसाब से बदलती रहती है। वह अपने मन के अनुसार कार्य करना चाहता है और उसी के अनुसार फल भी प्राप्त करना चाहता है। लेकिन उसके द्वारा किए गए सभी कार्य का फल उसके मन के अनुसार नहीं मिल पाता। बहुत सारी इच्छाएँ अधूरी रह जाती है। उचित मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए कर्म करने के साथ ही माँ दुर्गा के मंत्र का जाप करना होता है।

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माँ दुर्गा मंत्र

ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:

माँ दुर्गा के मंत्र का अर्थ:

हे माँ दुर्गा आपको प्रणाम, आप वरदान देने वाली हो, आप कार्य को सिद्ध बनाने वाली माता हो।

माँ दुर्गा के इस मंत्र का जाप सुबह सूर्योदय के समय या शाम को सूर्यास्त के समय करना होता है। इस मंत्र का जाप करने से पहले शारीरिक रूप स्वच्छ होकर शुद्ध हो जाना होता है। इस मंत्र का जाप माता के प्रतिमा के सामने करना होता है। माँ दुर्गा के मंदिर में इस मंत्र का जाप करना ज्यादा अच्छा रहता है। इस मंत्र का जाप करते समय माँ दुर्गा पर गुड़हल का फूल चढ़ाना होता है।

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इसके साथ ही मिट्टी के दीये भी जलाने होते है। इस मंत्र का जाप करते समय अपना मुख माता की तरफ रखना होता है और नमस्कार की मुद्रा में खड़े रहना होता है। इस मंत्र का जाप सात बार करना होता है। इस मंत्र का जाप शुक्रवार के दिन करना होता है। इस मंत्र के प्रभाव से आपके द्वारा किए गए प्रत्येक कार्य सिद्ध होते है और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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