काली पूजा के लिए बंगाल में एक अलग तिथि होती है, हालाँकि बाकी जगहों पर माँ काली की पूजा नवरात्र के दौरान सप्तमी की तिथि को की जाती है। शत्रुओं का संहार करने के लिए मां दुर्गा ने ही माँ काली के रूप में अवतार लिया था। ऐसी मान्यता है की मां दुर्गा का सातवां स्वरूप मां काली का है और इसी वजह से सपत्मी को उनकी पूजा का विशेष महत्व होता है। माँ काली पूजा को अक्टूबर और नवम्बर महीनों में अधिकतर अवसरों पर की जाती है, जैसे कि दुर्गा पूजा के दौरान और काली पूजा के रूप में भी।
माँ काली पूजा मंत्र हिंदी में । Maa Kali Puja Mantra in Hindi
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा।।
माँ काली पूजा मंत्र का विवरण :
ऐसी मान्यता है की माँ काली के इस मंत्र का जाप कर उनकी पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है। कहा जाता है की माँ काली का पसंदीदा रंग नारंगी है जिसे तेज, ज्ञान और शांति का प्रतीक माना जाता है। इस मंत्र की सिद्धि हेतु माँ काली की मूर्ति के सामने बैठकर उनकी पूजा करें और मंत्रों के जाप के साथ-साथ धूप, दीपक, अगरबत्ती आदि से उनकी आराधना करें।
माना जाता है की माँ काली की पूजा से भक्त को आत्मशक्ति और साहस मिलता है। इस मंत्र के जाप से भक्त की भयभीत मानसिकता दूर होती है और उसके भीतर साहस का आगमन होता है। आर्थिक समृद्धि और विशेष रूप से व्यापार में वृद्धि के लिए भी माँ काली की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। आदिकाल से ही संकटों और आपत्तियों से बचाव के लिए माँ काली की पूजा की जाती रही है।