माँ स्कंदमाता को माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरूप के रूप में जाना जाता है, जिनकी पूजा नवरात्रि के पांचवे दिन की जाती है। स्कंद देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय का ही एक नाम है और माँ आदिशक्ति ने अपने इस स्कंदमाता रूप में अपने मातृत्व के रूप को दिखाया है और संसार को इस भाव से भरा है।
माँ स्कंदमाता मंत्र । Maa Skandmata Mantra in Hindi
ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥
माँ स्कंदमाता मंत्र का विवरण :
माँ दुर्गा ने अपने इस स्कंदमाता के स्वरूप में चतुर्भुज रूप धारण किया है और उनके एक हाथ में कार्तिकेय जी विराजमान है जिनपर वह अपना मातृत्व निछावर कर रहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने दो हाथों में कमल का पुष्प धारण किया है और उनका एक हाथ अभय मुद्रा यानी की आशीर्वाद देने की मुद्रा में है, जिससे वह इस पूरे संसार का कल्याण करती हैं।
हमारी हिन्दू संस्कृति के अनुसार माँ स्कंदमाता की उपासना जो भी पूरी श्रद्धा-भक्ति और प्रेम से करता है उसके जीवन के सभी दुःख ख़त्म हो जाते हैं, उसे धन-वैभव की प्राप्ति होती है। जिन्हें संतान की इच्छा हो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है और जो मोक्ष की राह पर जाना चाहता है उन्हें भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। माँ स्कंदमाता सदैव ही अपने भक्तों पर मातृत्व और करुणा का भाव बनाये रखती हैं।
माँ स्कंदमाता के इस मंत्र के जाप की शुरुआत करने का सबसे उपयुक्त समय नवरात्री के समय होता है, वैसे आप अन्य किसी दिन से भी उनकी पूजा वंदना शुरू कर सकते हैं। आपको भक्ति भाव से उनकी पूजा के साथ उनके इस मात्रा का 108 बार जाप करना है। इस मंत्र का जाप मात्र आपके जीवन में कई बड़े बदलाव ला सकता है।