मॉर्निंग मंत्र | Morning Mantra in Hindi

मनुष्य की ये दिनचर्या है कि वो सुबह उठता है और पूरे दिन कार्य करता है फिर रात को सो जाता है, उसे घड़ी भर भी फुरसत नहीं है कि वो अपने बारे में रुककर सोचे। वो ऐसा इसलिए करता है क्योंकि वो चाहता है कि उसके सारे काम आसानी से सिद्ध हो जाए, उसके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ आए। अगर मनुष्य चाहता है कि उसका दिन अच्छा गुज़रे, उसके द्वारा किया गया हर काम सिद्ध हो और उसे उसके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ मिले तो उसे मॉर्निंग मंत्र (Morning Mantra in Hindi) का जाप करना होगा।

मॉर्निंग मंत्र | Morning Mantra in Hindi

समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमंडले।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्व मे।।
गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरि जल स्मिन्सन्निधिं कुरु।।

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मॉर्निंग मंत्र का अर्थ: हे धरती आप समुद्र रूपी वस्त्र को धारण करती हैं। हे धरती आप पर पर्वत रूपी स्तन है, आप विष्णु की पत्नी हैं। हे धरती आपको हमारा नमस्कार है। हे धरती हम आपको अपने पैर से स्पर्श करते है, इसके लिए हमे क्षमा करें। हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी आप हमारे स्नान करने समय आए।

जैसा की नाम से ही ज्ञात है कि मॉर्निंग मंत्र का जाप प्रातः काल में सूर्योदय के समय करना होता है। इस मंत्र का जाप करते समय अपना मुख पूर्व दिशा के तरफ रखना होता है। इस मंत्र का जाप करने से पहले शारीरिक रूप से शुद्ध हो जाना होता है। इस मंत्र के जाप के दौरान धरती को प्रणाम करना होता है। इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करना होता है। इस मंत्र का जाप ग्यारह बार करना होता है।

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मॉर्निंग मंत्र के जाप से मनुष्य का दिन अच्छा गुजरता है, वह सारा दिन जो भी कार्य करता है उसमे सफलता हासिल करता है। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य ऊर्जावान बना रहता है, उसे कभी भी थकान महसूस नहीं होती। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य पूरा दिन उमंग से भरा रहता है, उसका जीवन ख़ुशियों से भर जाती है।

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