पूरे संसार में ऐसा कोई नहीं जो भगवान शिव की महिमा से अनजान है। इस संसार में सबसे अधिक पूजा उन्हीं की होती है, और वह अपने भक्तों को हमेशा ही अपनी शरण में रखते हैं। उन्हें अपने भक्तों से सबसे अधिक प्रेम है, और जो भी श्रद्धा भाव से उनकी भक्ति करता है उसे वह आशीर्वाद जरूर देते हैं। आज हम उन्हीं शिव के एक बेहद शक्तिशाली मंत्र को देखेंगे।
नमस्काराथा मंत्र हिंदी में । Namaskaratha Mantra in Hindi
ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतए अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमः
ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम् ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो अस्तु सदा शिवोहम
तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात्
महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात्
नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः
श्रीमान महादेवाय नमः
शांति शांति शांति
नमस्काराथा मंत्र का विवरण :
भगवान शिव के इस मंत्र के माध्यम से उनके गुणों का बखान किया गया है। उन्हें इस तीनों लोकों के स्वामी, सर्वज्ञ यानी सब कुछ का ज्ञान रखने वाले महादेव, और इस पूरी सृष्टि के संहारक के रूप में बताया गया है। ऐसी मान्यता है की महादेव को यह मंत्र बेहद ही प्रिय है इसलिए जो भी इसका जाप सच्चे भाव से करता है उस पर उनकी कृपा जरूर पड़ती है।
इस मंत्र के जाप के लिए सबसे उपयुक्त समय सोमवार को सुबह या शाम को सूर्यास्त से पूर्व प्रदोष काल में बताया जाता है। इस मंत्र के जाप से पूर्व स्नान कर के शिवलिंग की विधिपूर्वक पूजा जरूर करें। साथ ही, महादेव को सफ़ेद रंग के पुष्प, बेल पत्र और भस्म भी अर्पित करें। अगर आप चाहें तो शिव जी के लिए सफ़ेद खीर या कोई सफ़ेद मिठाई का भोग भी लगा सकते हैं। इसके बाद इस मंत्र को रुद्राक्ष की माला के साथ 108 बार जपें।