अगर भय से मुक्ति पाकर निर्भीक होकर जीना चाहते है तो करें इस शक्तिशाली मंत्र का जाप

नरसिम्हा मंत्र | Narasimha Mantra lyrics in Hindi

हर मानव हरेक परिस्थिति में निडर रहना चाहता है, निर्भय होकर जीना चाहता है लेकिन ऐसा हो नहीं पता क्योंकि उसके अंदर कही न कही डर छिपा होता है। इस डर का कारण मनुष्य का मानसिक रूप से कमजोर होना होता है। इस डर को अपने अंदर से बाहर निकलने के लिए और मानसिक रूप से मजबूत होने के लिए आध्यात्मिक मार्ग अपनाकर भगवान नरसिम्हा के मंत्र का जाप करना चाहिए।

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नरसिम्हा मंत्र

ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्
ॐ नृम मलोल नरसिंहाय पूरय-पूरय

नरसिम्हा मंत्र का अर्थ:

हे भगवान विष्णुं, आप बहुत तेजवान और बहादुर हैं। आप सर्वशक्तिमान हैं। आप मृत्यु को पराजित करने वालों में से एक हैं। मैं स्वयं को आपको समर्पित करता हूँ।

भगवान नरसिम्हा के इस मंत्र का जाप प्रातः काल में करना होता है। इस मंत्र का जाप गुरुवार को सप्ताह में सिर्फ एक दिन ही करना होता है। इस मंत्र का जाप करने से पहले पूरी तरह शारीरिक रूप से स्वच्छ हो जाना होता है। इस मंत्र का जाप भगवान नरसिम्हा के प्रतिमा के सामने करना होता है। इस मंत्र का जाप करते समय नमस्कार की मुद्रा में रहना होता है।

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इस मंत्र का जाप पांच बार करना होता है। इस मंत्र का जाप करते समय हाथ में पीले रंग का फूल रखना होता है और मंत्र की समाप्ति पर फूल को भगवान के चरणों में अर्पित कर देना होता है। इस मंत्र के प्रभाव से बाधाओं से छुटकारा मिलती है, भय से मुक्ति मिलती है, अकाल मृत्यु का डर खत्म होता है और असाध्य रोग से जान बचती है।

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