भगवान शिव का यह पंचाक्षर मंत्र जिसे हर कोई आमतौर पर जपता है, लेकिन शायद ही इसकी महिमा को जानता है और लोग तो यह भी नहीं जानते की इसे ही पंचाक्षर मंत्र कहा जाता है। जी हाँ, शिव भगवान का सबसे लोकप्रिय मंत्र ‘ओम नमः शिवाय’ ही उनका पंचाक्षर मंत्र है। ऐसी मान्यता है की स्वयं भगवान शिव ने इस संसार के कल्याण के लिए इसकी रचना की थी।
पंचाक्षर मंत्र । Panchakshar Mantra in Hindi
भगवान शिव की आरधाना के लिए इस पंचाक्षर मंत्र के आधार पर ही उनके स्तोत्र मंत्र की रचना की गयी है। इस मंत्र के माध्यम से महादेव के सभी गुणों और उनके सभी स्वरूपों का वर्णन किया गया है और उनकी वंदन करते हुए उनसे आशीर्वाद देने की विनती की गयी है। आप भी यदि कभी भी शिव भगवान की पूजा कर रहे हों तो उनके इस पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र का जाप जरूर करें।
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।
मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:।।
शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:।।
वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:।।
यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:।।
पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ।
शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।
नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे ‘न’ काराय नमः शिवायः।।
भगवान शिव जिन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है, बहुत बड़े दानी माने जाते हैं। जो कोई भी उनका ध्यान सच्चे मन से करता है वह उनपर अपनी कृपा जरूर बरसाते हैं। आप भी सावन के मौसम में उनके इस मंत्र का जाप कर उन्हें प्रसन्न कर उनसे मन चाहा फल प्राप्त कर सकते हैं।