पूरे भारत में अगर किसी देव की सबसे अधिक पूजा की जाती है तो वह भगवान शिव ही हैं। हर गाँव मोहल्ले में आपको उनका मंदिर मिल ही जाएगा। भगवान शिव जिन्हें महादेव भी कहा जाता है अपने भोले स्वभाव की वजह से भोलेनाथ के नाम से भी जाने जाते हैं। कहा जाता है की जो भी उनकी पूजा अर्चना सच्चे मन से करता है उसे वह अपना आशीर्वाद जरूर देते हैं।
रुद्राष्टकम मंत्र हिंदी में । Rudrashtakam Mantra in Hindi
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं ॥1॥
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं
गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं ।
करालं महाकाल कालं कृपालं
गुणागार संसारपारं नतोऽहं ॥2॥
तुषाराद्रि सङ्काश गौरं गभीरं
मनोभूत कोटि प्रभा श्रीशरीरं ।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगा
लसद्भालबालेन्दु कंठे भुजंगा ॥3॥
चलत्कुंडलं भ्रू सुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकंठं दयालं ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुंडमालं
प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥4॥
प्रचंडं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखंडं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणिं
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यं ॥5॥
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानंद संदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥6॥
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं
भजंतीह लोके परे वा नराणां ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ॥7॥
न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोऽहं सदा सर्वदा शंभु तुभ्यं ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ॥8॥
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ॥9॥
रुद्राष्टकम मंत्र का विवरण :
महादेव को युग के अंत में इस संसार का विनाश करने वाले देव के रूप में जाना जाता है, उनके उस रुद्र स्वरूप को ही यह मंत्र समर्पित है। कहा जाता है की अगर काल को भी बदल देने की किसी में शक्ति है तो वह महादेव ही हैं, और इसी कारण उनका एक और नाम महाकाल भी है। वैसे तो उनकी पूजा के लिए कई विधि विधान बताये गए हैं, परन्तु उनकी वंदना करने के लिए सबसे जरूरी है आपके मन में श्रद्धा और निस्वार्थ रूप से भक्ति का भाव।
महादेव के रुद्र स्वरूप को समर्पित यह मंत्र उनकी सभी विशेषताओं और उनकी महिमा का गुणगान करता है। माना जाता है की जो भी व्यक्ति उनके इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करता है उसके जीवन में कभी कोई परेशानी या समस्या नहीं आती। घर परिवार में खुशहाली का वातावरण रहता है और सभी के बीच परस्पर स्नेह बना रहता है। भगवान शिव का यह मंत्र आपके सभी कष्टों का निवारण करता है।