शांति मंत्र | Shanti mantra lyrics in Hindi
इस धरती पर निवास कर रहा प्रत्येक मनुष्य अपनी शिक्षा दीक्षा विद्यालय के माध्यम से ही प्राप्त करता है। विद्यालय वह जगह होता है जहाँ मनुष्य का बौद्धिक विकास होता है। इस पवित्र जगह पर इंसान विद्या ग्रहण करता है। यही से प्राप्त ज्ञान से मनुष्य अपनी सारी जिंदगी जीता है और उसी ज्ञान के अनुसार उसे उसका कार्य मिलता है जिससे उसका जीवन निर्वाहन होता है। इसीलिए विद्यालय में विद्यार्थी के मस्तिष्क का विकास शांति पूर्वक होना चाहिए। इसके लिए विद्यार्थी-शिक्षक को यजुर्वेद से लिया गया इस मंत्र का जाप ज़रूर करना चाहिए।
शांति मंत्र
ॐ सहनाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवाव है।
तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषाव है।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।।
शांति मंत्र का अर्थ:
हे परमेश्वर! हम छात्र और शिक्षक दोनों की एक साथ रक्षा करें, हम छात्र और शिक्षक दोनों का एक साथ-साथ पोषण करें, हम दोनों साथ मिलकर महान ऊर्जा और शक्ति के साथ कार्य करें एवं विद्या प्राप्ति का सामर्थ्य प्राप्त करें, हमारी बुद्धि तेज हो, हम एक दूसरे से ईर्ष्या न करें।
इस आध्यात्मिक मंत्र का जाप प्रतिदिन सोमवार से शनिवार तक विद्यालय की प्रार्थना शुरू होने से पहले करें। इस मंत्र का जाप सभी विद्यार्थी और शिक्षक एक साथ एक स्वर में करें। इस मंत्र का जाप सिर्फ एक बार ही करें। इसका जाप करते समय अपना चेहरा पूरब दिशा की तरफ रखें और नमस्ते की मुद्रा में रहे।
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यह मंत्र यजुर्वेद से अवतरित एक मंत्र है। यह एक शांति मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती हैं। इस मंत्र के जाप के बाद आसपास के वातावरण सकारात्मक बन जाता हैं। इस मंत्र के प्रभाव से गुरु और शिष्य के बीच अच्छा समन्वय स्थापित होता है।