मनुष्य की आत्मा भले ही अमर है लेकिन उसका शरीर नश्वर है। मनुष्य का शरीर हड्डियों और माँस से बना एक पुतला है जो आत्मा के कारण जीवित है। मनुष्य के शरीर में किसी न किसी तरह की समस्या का आना तय है, अगर बचपन और जवानी में कोई समस्या नहीं आई तो भी बुढ़ापा में ज़रूर शारीरिक समस्या आ जाती है। इसीलिए शारीरिक समस्या से बचने के लिए शिव जी (Shiv Ji Mantra in Hindi) मंत्र का जाप करना होता है।
शिव जी मंत्र | Shiv Ji Mantra in Hindi
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्।
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
शिव जी मंत्र का अर्थ: हे तीन नेत्र वाले शिव जी हम आपकी आराधना करते हैं, आप इस संसार का पालन पोषण करने वाले हैं। हे शिव जी आप हरेक जीव में जीवन शक्ति का प्रवाह करने वाले हैं। हे शिव जी हम आपको प्रार्थना करते है। हे शिव जी आप हमें मृत्यु के सभी बंधनों से मुक्त करें और हमें मोक्ष प्राप्त कराए।
शिव जी के इस मंत्र का जाप सप्ताह में सिर्फ एक दिन करना होता है। इस मंत्र का जाप सोमवार के दिन करना होता है। इस मंत्र का जाप शिव जी के प्रतिमा के सामने करना होता है। इस मंत्र का जाप शिव मंदिर में करना ज्यादा अच्छा माना जाता है। इस मंत्र का जाप करते समय शिव जी पर धतूरा का फूल, बेलपत्र और भांग चढ़ाना होता है। इस मंत्र के जाप के दौरान शिव जी के सामने पद्मानसन की मुद्रा में बैठकर नमस्कार की स्थिति में रहना होता है। इस मंत्र का जाप सात बार करना होता है।
शिव जी का यह चमत्कारी मंत्र अकाल मृत्यु की बाधा का नाश करने वाला होता है। अगर किसी मनुष्य की कुण्डली में अकाल मृत्य योग होता है तो उसे इस चमत्कारी मंत्र का जाप करना होता है। इस मंत्र के जाप के प्रभाव से मनुष्य रोग, दोष तथा सभी संकटो से मुक्ति पाता हैं। इस मंत्र के जाप के प्रभाव से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।