हमारे हिन्दू धर्म के वेदों में कई मंत्रों का वर्णन किया गया है जिससे हम अपनी समस्याओं का निवारण ईश्वर की भक्ति करते हुए कर सकते हैं। इसी तरह एक सुखद और समृद्धि से परिपूर्ण जीवन की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए स्वस्ति मंत्र का वर्णन हमारे प्राचीन वेदों में किया गया है। माना जाता है की इस मंत्र का जाप से सुख, समृद्धि, और भगवान के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
स्वस्ति मंत्र हिंदी में । Swasti mantra in Hindi
ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः। स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः। स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥
स्वस्ति मंत्र का विवरण :
किसी भी नए कार्य की शुरुआत हेतु इस मंत्र का पाठ जरूरी होता है। इस मंत्र के साथ कार्य की शुरुआत करने से आपके कार्य को शुभता की प्राप्ति होती है और इसके सफल होने के आसार बढ़ जाते हैं। कहा जाता है की यह मंत्र आपकी योजनाओं और कार्यों की किसी भी तरह की अनिष्ट परिस्थितियों से रक्षा करता है और मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं का अंत करता है।
इस मंत्र के माध्यम से ईश्वर की उपासना की गयी है और उनसे बुद्धि, ज्ञान, सुख और समृद्धि हेतु प्रार्थना की गयी है। प्रतिदिन या सप्ताह में कम से कम एक बार इस मंत्र का 108 बार जाप करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस मंत्र के जाप से आपके जीवन के सभी शुभ कार्य सफल होते हैं और जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। यह मंत्र किसी भी अनिष्ट परिस्थितियों से आपकी रक्षा करता है और शांति और समृद्धि का मार्ग दिखाता है।