त्वमेव मंत्र हिंदी में । Twameva Mantra in Hindi

माता पिता को ईश्वर के समतुल्य बताता यह मंत्र उनकी महत्ता को दिखता है। इस मंत्र के माध्यम से ईश्वर से कहा गया है की आप ही हमारे माता पिता हो, और बताया गया है की माता पिता का स्थान किसी संतान के लिए उसके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण अंग के रूप में होता है। संतान उन्हीं से आचरण, ज्ञान और शिक्षा प्राप्त करती है। सभी ने ही इस मंत्र को किसी आयोजन, पूजा, या किसी उत्सव के मौके पर सुना होगा।

- Advertisement -
   

त्वमेव मंत्र हिंदी में । Twameva Mantra in Hindi

त्वमेव माता च पिता त्वमेव |
त्वमेव बन्धुश-च सखा त्वमेव |
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव |
त्वमेव सर्वम् मम देवा देवा ||

त्वमेव मंत्र का विवरण :
इस मंत्र के जाप से व्यक्ति स्वयं के व्यक्तित्व को ईश्वर को समर्पित करता है ताकि उनकी कृपा प्राप्त हो। इसका अर्थ है की व्यक्ति अपनी पूरी पहचान को ईश्वर से जोड़ता है, और यह बताता है की उसका अस्तित्व ईश्वर की वजह से ही है और उसके जीवन में उनका स्थान सर्वोपरि है। कहा जाता है की इस मंत्र की उत्पत्ति माता गांधारी द्वारा श्री कृष्ण को कहे गए श्लोक के माध्यम से हुई है, जिसका जिक्र गीता में भी मौजूद है।

यह भी पढ़ें: क्या आप भी इस असमंजस में हैं की मंगलवार को किन देवता की पूजा अर्चना करना है सबसे लाभकारी? जानें यहाँ, मंगलवार के दिन किनकी पूजा करने से आपके जीवन के सभी समस्याओं और परेशानियों का होता है अंत।

कहते हैं की जिन्हें भी ईश्वर के रूप में ज्ञान के मार्ग पर खुद को समर्पित करना हो उन्हें इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का अर्थ बड़ा ही सरल सा है, इसमें कहा गया है की “हे भगवान, आप ही मेरी माता हो, आप ही मेरे पिता हो, और आप ही मेरे मित्र हो, आप भी मेरी विद्या हो और आप ही मेरा धन, आप ही मेरे सभी कुछ हो और आप ही सभी देवों में सर्वोपरि ईश्वर हो।”

- Advertisement -