इंसान जब अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ता है तो उसके कई सारे कार्य बड़ी आसानी से पूरे हो जाते है वही कई सारे कार्य बिगड़कर अधूरे रह जाते है। इंसान का बिगड़ा हुआ कार्य काफी महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी पूरा नहीं हो पाता चाहे वह कितना भी प्रयत्न क्यों न कर ले। उस बिगड़े कार्य को आसानी से पूर्ण बनाने के लिए करना होता है वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र (Vakratunda Mahakaya Mantra in Hindi) का जाप।
वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र | Vakratunda Mahakaya Mantra in Hindi
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
एकदंताय विद्महे। वक्रतुण्डाय धीमहि।
तन्नो दंती प्रचोदयात।।
वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र का अर्थ: हे गणेश आप घुमावदार सूंड वाले है, आपका शरीर विशाल है। हे गणेश आप करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली है। हे गणेश आप हमेशा मेरे सारे कार्य को बिना विघ्न के पूरे करें। हे गणेश आप एक दंत वाले हैं। हे वक्रतुण्ड हम आपका ध्यान करते हैं। हे गणेश आप हमें प्रेरणा प्रदान करें।
गणेश के इस मंत्र का जाप प्रतिदिन करना होता है। इस मंत्र का जाप शाम के समय सूर्यास्त के बाद करना होता है। इस मंत्र का जाप गणेश की प्रतिमा के सामने करना होता है। इस मंत्र का जाप करते समय घी के दिए जलाने होते है। इस मंत्र के जाप के दौरान पीले रंग का फूल गणेश के पैर पर चढ़ाना होता है। गणेश मंत्र का जाप लगातार पांच बार करना होता है।
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गणेश मंत्र के प्रभाव से मनुष्य की बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। इस मंत्र से बल व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। इस मंत्र के प्रभाव से मनुष्य के बिगड़े कार्य पूरे हो जाते है और मनुष्य का जीवन खुशहाल बन जाता है।