विश्वकर्मा मंत्र । Vishwakarma Mantra in Hindi

भगवान ब्रह्मा जी के आदेश और निर्देश अनुसार जिन्होंने इस पूरे संसार को बनाया उन्हें भगवान विश्वकर्मा के रूप में पूजा जाता है। उन्हें इस पूरे जगत का शिल्पकार भी कहा जाता है। उन्होंने न सिर्फ इस सृष्टि की बल्कि सभी देवी देवताओं के अस्त्रों एवं शस्त्रों का निर्माण भी किया है। हमारे हिन्दू शास्त्र के कई ग्रंथों में उनका उल्लेख है।

ऐसा माना जाता है की देवों के देव महादेव के त्रिशूल से लेकर इंद्र देव के व्रज का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था। उन्होंने ही सोने की लंका, इंद्रप्रस्थ और द्वारिका का निर्माण किया था। रामायण में भी उनके पुत्र नल ने विशाल सागर को पार करने हेतु राम सेतु का निर्माण किया था। भगवान विश्वकर्मा की पूजा का हमारे हिन्दू धर्म में खास महत्व है।

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विश्वकर्मा मंत्र । Vishwakarma Mantra in Hindi

ॐ आधार शक्तपे नम:, ॐ कूमयि नम:, ॐ अनंतम नम:, ॐ पृथिव्यै नम:॥

विश्वकर्मा मंत्र का विवरण :
हिन्दू धर्म में माने जाने वाले कैलेंडर यानी पांचांग के अनुसार विश्वकर्मा भगवान की जयंती माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रदोष को मनाई जाती है। इस दिन का सभी के जीवन में खास महत्व है। ऐसी मान्यता है की इस दिन यदि भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना और उनके मंत्र का पाठ किया जाए तो हमारे जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं, व्यापार इत्यादि में मुनाफा होने लगता है और घर में धन का वास होता है।

यह भी पढ़ें: मात्र इस मंत्र के जाप से ही अपने किसी भी चाहने वाले या प्यार को अपना बना सकते हैं और कर सकते हैं अपने वस में, आजमाएं इसे और आपका प्यार आपकी तरफ खुद ही खिंचा चला आएगा।

इस पूजा को करने के लिए आपको उस रोज सुबह उठकर स्नान कर लेना चाहिए और फिर पूजा स्थल को भी अच्छे से साफ़ करके भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को वहां रखें। इसके बाद अपने हाथों में फूल और अक्षत लेकर ध्यान करें और उनके इस मंत्र का जाप करें। मंत्र के जाप के बाद भगवान का भोग लगाएं और नियम से उनकी आरती उतारें। अंततः अपने घर के सभी औजार और यंत्र की पूजा करें।

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