हम अपने जीवन में कई बार छोटी-छोटी गलतियाँ करते हैं, उन्हीं में से एक है कुछ ऐसी बातें हैं जो हमें खुलकर नहीं कहनी चाहिए, वही बातें हम सभी को बता देते हैं। इससे हमें जो लाभ मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता। इन सभी में ऐसा क्या है जो मायने रखता है, इन आध्यात्मिक पोस्ट के जरिये हम जानेंगे।
एक मशहूर कहावत है, “अगर दाएं हाथ से कुछ करो तो इस तरह करो की बाएं हाथ को भी पता न चले”। हमारे पूर्वजों ने कई बार इस कहावत पर बहुत जोर दिया है, खास कर जब हम कभी दान दे रहें हो। हम जो दान या धर्म करते हैं, वह अपने अच्छे भाग्य के लिए पुण्य जोड़ने के लिए करते हैं। अगर आप किसी को दान देते हैं, या आप किसी मंदिर को दान करते हैं, तो सबसे पहले जो आप दान कर रहे हैं उसके बारे में किसी से भी साझा नहीं करना चाहिए। शास्त्र कहते हैं कि ऐसा करने से पुण्य प्राप्त नहीं होता।
इसी तरह अगर आप किसी की मदद कर रहे हैं तो उसे कहीं भी न जतायें। यदि आप उसे जताएंगे तो यह आपके लिए कभी काम नहीं करेगा क्योंकि आपको इसका पुण्य नहीं मिलेगा। कई लोग सोचते हैं की हमने जो दान दिया है या किसी की मदद की है, अगर हम किसी को नहीं बताएँगे तो हमारी बड़ाई या वाहवाही नहीं होगी। लेकिन आपको इसकी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि हमने जो पुण्य किया है वह सात पीढ़ियों तक चलता रहता है।
कर्मफल में धर्म, दान, पुण्य सभी सम्मिलित होते हैं, और यह हमारे सात पुश्तों तक चलता रहता है। इसलिए हमें इस बात की चिंता किए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ करते रहना चाहिए कि हमने जिसकी मदद की है उनमें वह कृतज्ञता और निष्ठा नहीं होगी। इससे हमें ही फायदा होता है। इससे हमारे भाग्य में वृद्धि होती है और भविष्य में भी कोई समस्या नहीं आएगी।